Budget 2025: हेल्थ इंश्योरेंस के साथ यह होंगे टैक्स बेनीफिट के लिए बदलाव के लिए अगले बजट में एक बडी खुशखबरी हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं और सेक्शन 80D के तहत टैक्स छूट प्राप्त करते है. सरकार हेल्थ इंश्योरेंस पर मिलने वाली टैक्स छूट की लिमिट को बढ़ाने पर विचार कर रही है.
अब तक इस सेक्शन के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर ज्यादा से ज्यादा ₹25,000 की छूट मिलती है. लेकिन अब इसे बढ़ाकर ₹50,000 तक किया जा सकता है. बढ़ती महंगाई और स्वास्थ्य खर्चों को देखते हुए यह कदम टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी राहत हो सकता है.
हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट
- हेल्थ इंश्योरेंस पर मौजूदा टैक्स छूट सेक्शन 80D के तहत मिलती है.
- खुद, पत्नी और बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पर ₹25,000
- सीनियर सिटिज़न माता-पिता के लिए ₹50,000
- कुल छूट अधिकतम ₹75,000
आखिरी बदलाव कब हुआ
आखिरी बदलाव 2018 में हुआ था, उस समय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट की सीमा ₹30,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दी थी. लेकिन, गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा अब भी ₹25,000 ही है
महंगाई का असर
हेल्थकेयर और मेडिकल खर्चों में लगातार बढ़ोतरी के कारण मौजूदा टैक्स छूट अब पर्याप्त नहीं मानी जा रही है. इसिलिए इंडस्ट्री की मांग है कि इसे बढ़ाया जाए. साथ ही एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस की छूट बढ़ने से टैक्सपेयर्स को तो फायदा होगा ही, साथ ही लोग इंश्योरेंस खरीदने के लिए भी ज्यादा उत्साहित होंगे.
- हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट की लिमिट ₹50,000 तक बढ़ाई जा सकती है. इससे टैक्स बचत डबल हो सकती है.
- सीनियर सिटिज़न्स के लिए यह छूट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख तक की जा सकती है.
- सेक्शन 80D की छूट सिर्फ पुराने टैक्स रिजीम में मिलती है. लेकिन सरकार इसे नए टैक्स रिजीम में भी शामिल करने पर विचार कर रही है.
- हेल्थ इंश्योरेंस की छूट बढ़ने से लोग महंगे प्लान खरीदने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी.
- छूट बढ़ने से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस खरीदेंगे, जिससे बीमा कंपनियों और हेल्थकेयर सेक्टर को फायदा होगा.
क्या होगा इसका असर?
हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट बढ़ने के कारण लोग महंगे प्लान खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे उन्हें बेहतर इलाज मिल सकेगा. टैक्सपेयर्स को भी ज्यादा राहत मिलेगी.
छूट बढ़ने से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस खरीदेंगे, जिसका फायदा बीमा कंपनियों और स्वास्थ्य सेवाओं को होगा.
लोग लंबी अवधि के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में निवेश करेंगे, जिससे वे बड़े मेडिकल खर्चों से बच सकेंगे.